काश मैं तितली बन जाऊँ
दुनियाँ भर में घूमूँ,
नए नए फूलों से मिलकर उनके गुण चुराऊ
सबके मन को भाऊ, और किसीकी खुशी का कारण बन जाऊँ
रंगभरी दुनिया में अपने नए नए रंग दिखाऊँ
काश मैं तितली बन जाऊँ
नए लोगो की नज़रों में आकर , ख़ूबसूरती की नई मिसालें कायम कर पाऊँ
सुबह दिन खिलते ही सूरज से ज़्यादा खुश हो जाऊँ
सारे जहां में उड़ उड़ कर, अपनी उड़ने की हसरतें भी पूरी कर पाऊँ
खुश रहु और जहाँ में खुशियाँ फ़ैलाऊ
काश मैं तितली बन जाऊँ
ज़्यादा जीने का शौक नहीं, जो चंद दिन मिले हैँ
उनमे ही अपने अंदाज़ से रंग भरु, उड़ूँ , दुनिया की पाबंदियों से दूर, अपने मन की हो जाऊँ
और एक दिन अपनी सारी ख्वाईशें पूरी करते हुए दुनिया को अलविदा कह जाऊँ
काश मैं तितली बन जाऊँ
©.....Kaanu