चले तो गया तू मुझसे दूर, पर ज़िंदगी भर मेरी जुबां पर ज़िक्र तेरा ही होगा |
चाहे कहीं भी जा, पर तुझ पर और तेरे दिल पर राज़ हमेसा मेरा ही होगा ||
ये दूरिया एक अंधेरी रात सी है, पर यकीन मुझे भी पूरा है |
तेरे लौट आने पर एक उजला सवेरा भी होगा ||
चले तो गया तू मुझसे दूर, पर ज़िंदगी भर मेरी जुबां पर ज़िक्र तेरा ही होगा |
इतना सब कुछ होने के बाद भी ,तुझको खोकर
अपना सब कुछ खोने के बाद भी |
पता नहीं क्यूँ एक आस सी है इस दिल मे,
की तू लौट आएगा और फिर तुझ पर हमेसा हक़ मेरा ही होगा ||
चले तो गया तू मुझसे दूर, पर ज़िंदगी भर मेरी जुबां पर ज़िक्र तेरा ही होगा |
कोई अगर मुझसे पूछेगा नाम मेरा, तो मेरे नाम से जुड़ने वाला नाम बस तेरा ही होगा |
रूह पे मेरी हक़ तेरा ही है , और अब मुझको छूने वाला हाथ भी तेरा ही होगा ||
चले तो गया तू मुझसे दूर, पर ज़िंदगी भर मेरी जुबां पर ज़िक्र तेरा ही होगा |
आदत तो नही थी मुझे तेरी, नशा था |
और अब तड़प रही हूँ तेरे बिना, तू अगर वापस आए तो तुझको देखकर ही जी लूँगी
वरना मरते वक़्त मेरी आखिरी सांस मे भी नाम बस तेरा ही होगा ||
चले तो गया तू मुझसे दूर, पर ज़िंदगी भर मेरी जुबां पर ज़िक्र तेरा ही होगा |
@कनिका_जोशी
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