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मझे प्यार करने की सजा दी



तुमने दिल का दरवाज़ा खटकटाया, हमने तुमको दिल में पनाह दी,

बदले में तुमने दिल तोड़के, मझे प्यार करने की सजा दी। 

गलती तुम्हारी बिल्कुल नहीं थी सबमे, कुसूर मेरा ही था,  

तुमने तो कहा था मोहब्बत नहीं है, फिर भी मेरे गुस्ताख़ दिल ने तुम्हे चाहने की खता की। 


देखो ना कहाँ थी तुमको मोहबत्त,

तुमने तो कभी मेरा हाथ पकड़ के अपने लबो से लगाया ही नहीं,

तुमने उलझी हुई मेरी जुल्फों में कभी उंगलियों को अपनी घुमाया ही नहीं

तुमने  कब गले से लगा के मुझको, धड़कने सुनाई अपने दिल की 

तुमने तो कभी मेरा हाथ पकड़ अपने सीने से लगाया ही नहीं। 

देखो तुम खुद को कभी गलत मत समझना, तुमने मुझको कभी रुलाया ही नहीं 


गलती मेरी ही है, बेकार में कुछ पुरानी यादों को लिए बैठी हूँ 

जो कभी हुई ही नहीं, उन बातों को लिए बैठी हूँ। 

पर एक बात है जो सच है  

तुमने मेरे दिल का दरवाज़ा खटकटाया, मैंने तुमको दिल में पनाह दी,

बदले में तुमने मेरा दिल तोड़के, मझे प्यार करने की सजा दी। 



© Kaanu 😇 


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